*कुछ भी नहीं होगा ???*
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कुछ भी नहीं होगा !
जी हाँ !
चार दिन शोरशराबा होगा !
हल्ला गुल्ला होगा !
बंदूकें तानी जायेगी !
और एक दिन ? सदा के लिए ? सबकुछ शांत हो जायेगा !
थोडा बहुत जागनेवाला , मुर्दाड मन से जीनेवाला ,
अन्याय सहनेवाला और भागने की लत लगनेवाला,
हिंदू ??
फिर से सो जायेगा ❓⁉
क्योंकी ? इच्छाशक्ती का अभाव ! कुछ कर दिखाने का अभाव ! अत्याचार के प्रती प्रतिशोध का अभाव !
राजनितीयाँ चलेगी !
राजनितीयाँ शेकेगी !
राजकीय दाँवपेंच चलाये जायेंगे !
और….??
फिरसे ?
भयभीत करनेवाले भयंकर हमले भी आरंभ हो जायेंगे !
और हिंदू ?
मुर्दाड मन से सबकुछ सहता जायेगा ! हमेशा की तरह !
स्वाभिमान , आत्मतेज मरा हुआ चैतन्य शून्य समाज ,
आखिर कब जागेगा ?
संपूर्ण परिवर्तन के लिए ,
महाक्रांति अभियान के लिए , कब आगे बढेगा ?
जगाने वालों को , महापूरूषों के आदर्शों को भी ? यह निस्तेज समाज भूल जायेगा ?
हमेशा की तरह ??
ऐसा डर लगता है ?
क्योंकि आजतक ऐसा ही होता आ रहा है !
यह निराशावाद नहीं है , बल्कि हकीकत है !
इससे उपर उठकर अगर ,
प्रतिशोध की आग में ,
कृष्णनिती द्वारा आगे बढेगा ? कौटिल्य निती के अनुसार हर कदम , फूंकफूंककर चलेगा ?
तो निश्चित ही विजयी बनेगा ! विश्व गुरु भी बनेगा !
और विश्व विजेता भी !!
देखते है आखिर ईश्वर भी क्या चाहता है ?
मगर…. एक अंतिम सत्य भी है की….
नियती भी अपना हिसाब पूरा करके ही रहेगी !
किसी को भी नहीं छोडेगी !
भगवान का भगवा ही विश्व को तारक और ? विश्वोद्धारक भी है !!
हर हर महादेव !!!
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*विनोदकुमार महाजन*