*फर्क ❓साफ है ⁉*
✍️ २४९०
*विनोदकुमार महाजन*
⁉❓⁉❓⁉❓
*सोचनेवाली बात….❓*
‘ उनका ?” धर्मप्रेम जबरदस्त है !
” तुम्हारा ? ” धर्मप्रेम कितना है ?❓
” उनके पास ” जबरदस्त एकता है !
” तुम्हारे पास ” कितनी एकता है ?❓
” उनके पास ” जीत की जबरदस्त और तगडी रणनीति है !
” तुम्हारे पास ” यशस्वी होने की कौनसी तगड़ी रणनीति है ?❓
किसी भी हालत में…
” उनका ” धर्मप्रेम विचलित नहीं होता है ,बल्कि हरदिन बढता रहता है !
” तुम्हारी स्थिति ” इसी विषय में क्या है ?❓
” वो ” आपस में एकता बढाकर
” अचूक टाईमिंग पर ” आक्रमण करते है !
” तुम्हारी ” एकता कितनी है ?❓
” उन्होंने ” ठंडे दिमाग से अनेक देश काबिज किए !
” तुमने ” कितने देश काबिज किए ?❓
” वो ” भागते नही ,बल्कि हरसमय भगाते रहते है !
” तुम्हारा भागना ” कब बंद होगा ?❓
” धर्म के लिए ” मरमिटने को
” वो ” चौबीसों घंटे तैयार रहते है !
” धर्म के लिए ” मर मिटना तो दूर , ” तुम ही ” धर्म को , देवीदेवताओं को हरपल बदनाम करते रहते हो ! आखिर ऐसा क्यों ?❓
” उनके ” धर्म के विरूद्ध कोई बोलता है तो ? मारने काटने के लिए वो हमेशा तैयार रहते है !
” तुम्हारे धर्म को , देवीदेवताओं को ” कोई कितना भी बदनाम करें , मुर्दे जैसे तुम हमेशा पडे रहते हो ! आखिर ऐसा क्यों ? और कबतक चलता रहेगा ?
इसका हल क्या है ?❓
बुध्दि है तो ?❓
सोच लो !
अन्यथा ❓⁉
भागते रहो !
बँटते रहो !
कटते रहो !
मरते रहो !
भगवान भी तुम्हें ?❓
नहीं बचायेगा !
और आखिर क्यों बचायेगा ?❓
क्योंकि ” तुम तो ”
स्वाभीमान शून्य , लाचार , हीन , दीन हो !
चैतन्यशून्य भी हो !
मरे हुए भी हो !
” कोई तुम्हें ” बचाने के लिए
जगाने के लिए आयेगा भी ?
तो ” तुम तो ” उसका भी गला घोंट देंगे ?
तो तुम्हें कौन बचायेगा ? ❓
हो सके तो ?
एक बार नहीं ,बारबार नहीं ,
हजारों बार भी नहीं
तो लाखों बार सोचो !
और हो सके तो ?❓
आत्मरक्षा का
स्वाभीमान जगाने का
हिम्मत से आगे बढने का ?❓⁉ रास्ता ❓❓❓
खोज लो !
जिवीत रहना है और ❓
चौतरफा ? ❓ यशस्वी भी होना है तो …..
तगडी रणनीति बनाकर , हर कदम ? आगे बढते रहो !!
समझ गये कुछ ?❓
या फिर ? अभी भी अनाडी ही हो ? ❓⁉
*हर हर महादेव !!*
⁉❓⁉❓⁉❓⁉❓