रावण को चारों तरफ से, घेरकर ही मारा जा सकता है !!
✍️ २२५३
विनोदकुमार महाजन
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रावण !!
जो साक्षात ईश्वरी अवतार , रामजी को भी ललकारता है !
ईश्वर को ही पीडा , तकलीफ, दुखदर्द देता है !
ईश्वरी सिध्दातों को भी ललकारता है !
हैवानियत बढाने के लिए !
हाहाकार बढाने के लिए !
उपद्रव, परपीड़ा बढाने के लिए !
राक्षसी सिध्दातों को बढाने के लिए !
क्या समाज में आज भी रावण , दुर्योधन , कँस , हिरण्यकश्यपू मौजूद है ?
और क्या ऐसे महाभयानक राक्षसों को माफ भी किया जा सकता है ? दूसरों को पीडा, तकलीफ,दुखदर्द देनेवालों को,दूसरों का जीना ही मुश्किल करनेवालों को , हराम करनेवालों को, क्या माफ भी किया जा सकता है ?
ईश्वरी अवतार प्रत्यक्ष रामजी ने भी , इनको माफ नहीं किया ,तो भयंकर पिडित जनमानस, ऐसे राक्षसों को , क्षमा क्यों और कैसे करेगा ?
प्रत्यक्ष प्रभु परमात्मा ने भी ,ऐसे उन्मत्त ,उन्मादी सैतानों को ,मृत्युदंड देकर ही ,सामाजिक सौहार्द स्थापित किया था !
आज का सामाजिक सौहार्द त्वरित स्थापित कब होगा ? और समाज में उपस्थित भयंकर क्रूर और हाहाकारी , तेज गती से सामुहिक शक्ती बढाने वालें रावण का सर्वनाश कौन करेगा ?
कैसे करेगा ? कब करेगा ? सामान्य जनता को भयंकर हाहाकारी रावण के चंगुल से त्वरीत कौन छुडायेगा ?
क्या आज भी समाज में , रंगरूप बदलकर ,अनेक राक्षस , हाहाकारी सैतान , उन्मादी रावण मौजूद है ? जो प्रत्यक्ष प्रभु परमात्मा के आदर्श सिध्दांतों को भी और उसके आदर्शवाद को भी ललकारते है ?
आसुरीक साम्राज्य बढाने के लिए ,ईश्वरी सिध्दातों को भी , सदैव जमीन में दफनाने का हर पल प्रयास करते रहते है ?
और ईश्वरी सिध्दातों के अनुसार ,इनका आखिरी इलाज भी क्या है ?
केवल और केवल मृत्युदंड ही इनका आखिरी इलाज हो सकता है ? जो राम ने ,कृष्ण ने ,अनेक देवीदेवताओं ने ,अनेक राक्षसों को मृत्युदंड देकर ही प्रमाणित किया है ?
हमारे आदर्श धर्म ग्रंथ भी आखिर क्या बताते है ?
और हम धर्म ग्रंथों का पारायण भी क्यों और किसिलिए करते है ? धर्म ग्रंथों का पारायण करके भी हम उसी के अनुसार आचरण नहीं करते है ,तो उस पठन का भी क्या अर्थ है ?
आदर्श देवीदेवताओं का ईश्वरी तेज हम धारण नहीं करते है तो ,उस धर्म ग्रंथों का पठन करके भी क्या फायदा ?
हमारे देवीदेवता शक्तिसंपन्न , शस्त्रसंपन्न और हम तेजोहीन ?
तो आखिर देवीदेवताओं की पूजा करने का भी क्या फायदा ?
आदर्श सिध्दांतों के लिए राजऐश्वर्य का त्याग करके बनवास स्विकारनेवाले , और धर्म युध्द के लिए ,बंदरों को भी शक्तिसंपन्न बनाने वाले ,अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितीयों में रहकर भी ,जीत हासिल करनेवाले , हमारे आदर्शवादी रामजी की तरह हमें भी प्रतिकूल परिस्थितीयों पर विजय प्राप्त करके , रावणवध तक गती से पहुंचना होगा ! और समाज में फैलता जा रहा हाहाकार और उन्माद समाप्त करना पडेगा !
ठंडे दिमाग से , वायुगती से , और शक्तिशाली रणनीती से !
अन्यथा ? नामशेष हो जायेंगे ?
आक्रमणकारी , क्रूर ,लुटेरे , हत्यारे मुगल , अंग्रेज और आजादी के बाद के काले अंग्रेजों ने जनता जनार्दन रूपी राम को अखंड बनवास ,दु:ख , दैन्य , दारीद्र के सिवाय दिया ही क्या है ?
इसिलिए अब बनवास में रहनेवाले जनता जनार्दन को , २४ में रावण का सर्वनाश और उसकी लंका का दहन करना ही पडेगा ! इसिलिए उन्मादी ,उन्मत्त रावण को चारों तरफ से घेरना भी पडेगा !
बहुसंख्य प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक्स मिडिया रावण की पक्षधर दिखाई देती है ! इसका पक्का और अंतिम इलाज है , सोशल मीडिया द्वारा ऐसी समाजविरोधी और समाज विघातक शक्तियों को चारों तरफ से घेरना पडेगा !
हर मतदाताओं को जागृत करना पडेगा ! और मतदान के लिए तो बाध्य तो करना ही पडेगा ! और मतदान सत्य के तथा सत्यवादीयों के पक्ष में लाने के लिए भी जी तोड से प्रयास करना ही पडेगा !
समाज में फैले हुए ,शक्तिशाली और गुप्त रावण को ,जबतक ,चौतरफा नितीयों द्वारा घेरकर समाप्त नहीं किया जा सकता है ,तबतक जनता रूपी राम को सुखी देखना और रामराज्य की संकल्पना को प्रत्यक्ष कृति में लाना असंभव होगा !
रावण अब जी जान से भयंकर जबरदस्त तगडी निती बनायेगा ! चौतरफा सामाजिक विद्रोह की स्थिति निर्माण करेगा ! देशविदेशों से इसके लिए जबरदस्त प्रयास किया जायेगा !विदेशी जाँर्ज सोरेस जैसे रावण, महाराक्षस , देश में छूपे हुए अपने गुप्त एजंटों द्वारा देश में हरतरफ से सामाजिक विद्रोह निर्माण करने का प्रयास करेगा !
हमारे पास इसके लिए जबरदस्त, तगडी रणनितीयों द्वारा ,यशस्वी काट खोजने की , अंतिम हल खोजने की , और ऐसे जहरीले विशालकाय वृक्ष को सदा के लिए ,उखाड़ फेंकने की तगडी रणनीति बनानी पडेगी !
तभी रावणवध होगा ! और जनता रूपी राम को सुख मिलेगा !
आपको क्या लगता है ?
जय श्रीराम
हरी ओम्