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राजा मिहीर भोज जैसा बनेंगे, तभी आसुरीक संपत्तीयों से बचेंगे

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गले मत लगाना आसुरीक संपत्ती वालों को

*”मैं रहूं या ना रहूं,भारत ये रहना चाहिए!”*

इस भावना के साथ *जो अपने जीवन के 50 वर्षों में घोड़े की पीठ पर सवार होकर युद्ध अभियानों में अरब हमलावरों को सिंधु नदी के पार जाकर खदेड़ता रहा…*

हिंदूकुश तोरा बोरा की पहाड़ियों में घुस घुस कर गुफाओं में उनका सर्वनाश किया…. *जिसके प्रतापी वंशजों ने चार शताब्दियों तक अरबों को भारत में नहीं घुसने दिया |*

जिसके विषय में *बगदाद के इतिहासकार अल_मसूदी ने इस्लाम संप्रदाय तथा अरबों का सबसे बड़ा दुश्मन घोषित किया |*

महाभारत काल के बाद का अंतिम चक्रवर्ती सम्राट जिस के नेतृत्व में एक बार चाणक्य के बाद फिर *अखण्ड भारत* की स्थापना हुई…
*वो जिसके नेतृत्व को पाल, चालुक्य तोमर(तवंर), चौहान, राष्ट्रकूट, चंदेल परमार अन्य वीर राजवंशों ने स्वीकार किया ।*

*वो जिसकी 3600000 सैनिकों की चतुरंगनी सेना चारों दिशाओं में हमेशा भूमंडल में युद्धरत रहती थी।*

वह जिसका शासन कन्नौज से लेकर कंधार ग्वालियर से लेकर गुजरात बंगाल से लेकर बिहार तक था|

वह जिसके राजकाज की भाषा संस्कृत विद्वानों… से जिसका दरबार भरा रहता था उत्कृष्ट साहित्य की रचना जिसके शासनकाल में हुई… *कौन थे वह …?*

_*कौन थे वह?*_

*कौन थे वह?*

वह केवल और केवल *आर्य चक्रवर्ती सम्राट “मिहिर भोज”* थे … *वह जो मध्यकाल का नायक अखंड भारत का निर्माता था।* जिसके राज में ना कोई चोर ना डाकू था.. प्रजा, सुखी संतुष्ट व खुशहाल थी ।

*यह देश चक्रवर्ती सम्राट मिहिर भोज का सदैव ऋणी रहेगा..!*

*हर वह व्यक्ति चक्रवर्ती सम्राट मिहिर भोज का मानस_पुत्र है जो इस देश को अपनी मां राम कृष्ण को अपना पूर्वज मानता है जो सत्य सनातन वैदिक संस्कृति के दिव्य पथ का अनुगामी है ।*

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