ईश्वर कहाँ है ?
कण कण में है भगवान
रोम रोम में बसा है मेरा प्यारा राम ।
बस्स्…श्रध्दा चाहिए।
ह्रदय का फूल ईश्वर को और सद्गुरु को समर्पित किया तो खुद ईश्वर भी प्रसन्न हो जाता है।
साथीयों,
दत्तजयंती के दिन मैंने गुरूदत्तात्रेय मंदिर में जाकर, दत्तात्रेयजी के सामने नारीयल चढाया था।और चमत्कार हो गया।इस विडिओ में आप देख सकते है की,नारीयल तीन भागों में फूट गया।
मतलब मेरे नारीयल में ही प्रत्यक्ष ब्रम्हा,विष्णु, महेश अर्थात गुरू दत्तात्रेय प्रकट हो गये।
शायद मेरे वैश्विक कार्य को ईश्वर का आशिर्वाद मिल गया।
मेरी तपस्या फलद्रुप हो गई।
आप इस नारीयल में तीन भागों में फूटा हुवा स्पष्ट देख सकते है।
मेरे सद्गुरु अर्थात मेरे दादाजी आण्णा ने कार्य सफलता हेतु दृष्टांत में गुरु दत्तात्रेय के साथ दर्शन देकर,वरदहस्त दिया है।
और
” तेरा वैश्विक कार्य आरंभ हो गया है ”
ऐसा आशिर्वाद भी दिया है।
आप भी मेरे इस नारीयल में प्रकट हुए गुरु दत्तात्रेय के दर्शन का लाभ ले सकते है।
।। दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा ।।
।। सद्गुरु आण्णा की जय हो ।।
।। गुरुर् ब्रम्हा, गुरूर् विष्णु, गुरुर् देवो महेश्वरः।।
।। गुरु : साक्षात परब्रम्ह तस्मै श्री गुरवे नम : ।।
विनोदकुमार महाजन