अब नृसिंह आयेगा।
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नृसिंह,
जागृत धधगता ईश्वरी तेज,साक्षात ज्वाला, लाव्हा।ना मनुष्य ना पशु।नर-सिंव्ह….।
जब जब उन्मत्त, उन्मादी महाभयंकर पातकी,हाहा:कार मचानेवाले, क्रूर हिरण्यकशिपु और हिरण्यकशिपु जैसे भयंकर अनेक राक्षस इस पवित्र भूमि पर पाप का आतंक मचाते है,लोगों का जीना मुश्किल कर देते है…तब तब इसी पवित्र भूमी पर धधगता अंगार, ईश्वरी तेज लेकर नृसिंह जैसे अवतार प्रकटते है और पापियों का सर्वनाश कर देते है,
उन्मत्त, उन्मादी हिरण्यकशिपु को टरटरा फाड देते है।
अब आज का वर्तमान… क्या है ?
भक्त प्रल्हाद रूपी हिंदुओं को,आज हाहा:कारी राक्षस चारों तरफ से पिडाएं,दुखदर्द, यातनाएं दे रहे है।सबकुछ हिंदुओं को असह्य हो रहा है।सदियों से घोर अत्याचार सहते सहते हिंदु समाज,भयभित है,मरणासन्न है।
इसी वजह से ऐसे भयंकर अत्याचारीयों का सदा के लिए नाश करने के लिए, हिंदुओं में ही कोई तो भी भयंकर जागृत,तेजस्वी, धधगता अग्नि जैसा नृसिंह जरूर पैदा होगा।और अन्याय, अत्याचार को सदा के लिए जमीन में दफना देगा।
क्योंकि अन्याय, अत्याचार का सचमुच में आज आगडोंब हो गया है।और प्रल्हाद रूपी हिंदूओं का,उनकी सभ्यता संस्कृति का,अस्तित्व का ही प्रश्न निर्माण हुवा है।
ऐसे भयंकर अत्याचारीयों को सदा के लिए समाप्त कर,संस्कृति को संपूर्ण विश्व पटल पर पुनर्स्थापित करने के लिए, हिंदुओं में ही कोई तो भी,प्रचंड तेजस्वी नृसिंह जरूर पैदा होगा।और यह दिन भी दूर नही है।
ज्वाला नृसिंह प्रकटने का और पापियों का सर्वनाश करने का,धर्म कि पुनर्स्थापना करने का, समय नजदीक है।
यही भविष्यवाणी भी है,जो आते कुछ समय में सत्य भी होगी।
हरी ओम।
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महासिद्ध योगी,
विनोद।