*संपूर्ण पृथ्वी पर ईश्वरी राज्य हो*
विश्व के कोने कोने में फैला हुवा हर एक हिंदु ,या फिर हिंदु धर्म पर प्रेम करनेवाला हर ईश्वर प्रेमी, सत्य वादी व्यक्ति,चाहे वह कौनसे भी धर्म से हो,अथवा झोपडी में रहना वाला गरीब हो या फिर महलों में रहनेवाला अमीर हो,जबतक जागृत,तेजस्वी और अंगार नही बनता है तबतक मैं स्वस्थ नहीं बैठुंगा ! शांत नही बैठुंगा !
और मेरे जीवन का उद्देश्य भी यही है !
चाहे कितनी भी मुसीबतें आने दो,मैं अपने मकसद में कामयाब होकर ही रहुंगा !
और जब ऐसा होगा तब वैश्विक क्रांति होगी !
और जब वैश्विक क्रांति होगी,तभी संपूर्ण पृथ्वी पर ईश्वरी राज्य आ जायेगा !
और तभी,
*विश्व स्वधर्म सुर्ये पाहो* का
उद्दीष्ट भी साध्य होगा !
और तभी आसुरीक संपत्ति का नाश होकर संपूर्ण मानवजातीसह संपूर्ण सजीव प्राणीमात्र सुखचैन से जीवन भी जीयेगा !
हरी ओम्
*विनोदकुमार महाजन*