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चारों तरफ से आग लगानी पडेगी

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*चारों तरफ से आग लगानी पडेगी…*
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आश्चर्य लग रहा है ना साथीयों मेरे लेख का यह टाईटल पढ कर ?
मगर यह वास्तव है।
आज का लेख लंबाचौडा तथा विस्तृत भी हो सकता है।हो सके तो सभी राष्ट्रप्रेमी संपूर्ण लेख पढकर चिंतन करना।और हल निकालना।

अनेक दिनों से लेख नही लिख रहा था।लेख लिखने के लिए हर दिन अनेक फोन आ रहे थे।विशेषत : योगीजी के नजदीकी लखनौ से आनंद मिस्र्ता जी,अथवा मुंबई के मेरे मित्र मुकेश शर्माजी।मुकेश जी मुझे फोनपर बोल रहे थे,आपके लेख लाखो – करोड़ों लोग पढते है और उससे समाज में चैतन्य की लहर आती है।

भयंकर टेंशन में था इसिलए लेख लिखना बंद था।

अब मूल विषय पर आता हुं।
*चारों तरफ से आग लगाना।*
मतलब ???
मतलब हमें आतंकी नही बनना है।चारों तरफ से अधर्म पर वैचारिक हमले करके अधर्म, असत्य, असंस्कृतता पर संपूर्ण देश में अब चारों तरफ से हल्लाबोल करना है।

तो बात यह है की,आज संपूर्ण देश में धर्म – अधर्म, सत्य – असत्य के बिच जो कडा और भयंकर संघर्ष चल रहा है,उसी के विषय में लेख में विश्लेषण है।

*हो सके तो पूरा लेख जरूर पढना।*

और प्रतिक्रिया भी देना।
समय भयंकर कठिन है।रणकंदन भयंकर है।अधर्मी भयंकर शातिर दिमाग का है।जमीन के निचे से सैतानी दिमाग से अनेक भयानक योजनाएं बना रहा है।
*कृष्ण निती से* सजग और अखंड सावधान होकर अधर्मीयों का हर षड्यंत्र समाप्त करके जीत हासिल करनी होगी।

ताकतवर अमरीका के डोनाल्ड ट्रंप की हार अथवा ईस्रायल से नेतान्याहू को सत्ता से हटाना यह कोई साधारण खेल नही है।और यही खेल हमारे देश में भी खेला जा रहा है।गुप्त शत्रु के हौसले भयंकर है।
जानो,पहचानो,समझो,जागो।
हर एक को हिलाहिलाकर जगावो।
समय भयंकर कठिन है।
यह देव दानवों का समुद्र मंथन है।

तय आखिरी लडाई है।
अभी नही तो कभी नही।
समझे कुछ ?
करो या मरो की यह आखिरी लडाई हमें केवल और केवल जितनी ही है।
तभी राष्ट्र बचेगा, संस्कृति बचेगी, देवालय बचेंगे।
इतिहास खंगाल कर देखो।
भयंकर तबाही हुई है।
हमारी सजगता के अभाव से।

अब केवल मन की बात नही चलेगी।इसके साथ जन की बात भी करनी पडेगी।जन जन का मन हिलाहिलाकर जगाना पडेगा।

इसीलिए मैंने अनेक शक्तिशाली योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक शक्तिशाली पद की माँग की थी।मगर दुर्दैव से यह मेरी माँग को यथोचित न्याय नही मिला।
खैर…

कुछ राष्ट्रीय योजनाएं लेकर एक सांसद को मिलने के लिए गया था।उनके पि.ए.से एपोइंटमेंट भी ली थी।मगर काम नही बन सका।सांसद नही मिल सके।बहुत दुख हुवा।

हमारे ही लोग हमसे असहयोग करते है तो दुख तो होता ही है।और वह स्वाभाविक भी है।

अब केवल विकास, हिंदुत्व, मोदिजी तक विषय मर्यादित नही रहा है।अगर शक्तिशाली डोनाल्ड ट्रंप को हराया जा सकता है तो ???
यहाँ भी कुछ भी हो सकता है।
इसीलिए योजना ऐसी तगड़ी तथा शक्तिशाली चाहिए की,केवल जीत और जीत ही हासिल हो सके।

हर एक सांसद को,विधायक को,पदाधिकारियों को,कार्यकर्ताओं को जनजन तक पहुंचकर उनके मन में प्रवेश करके उनके मत पक्के करने पडेंगे।जो आज विरोधी गुप्त रूप से कर रहे है।शक्तिशाली एजेंडा लेकर आगे बढ रहे है।
पश्चिम बंगाल का उदाहरण सामने है।

अब ऐशोआराम त्यागना होगा।हर एक की समस्या समझनी होगी।समस्याओं का हल ढूंडना होगा।जुग्गी झोपड़ी, देहात, हर गाँव का कोना कोना,हर गाँव शहरों में जाकर सजगता लानी होगी।
लोगों को शासकीय योजनाओं के बारें में समझाकर उसी योजनाओं का लाभ उन्हे तुरंत हासिल हो सके ऐसा कार्य करना होगा।आधार, पैन,बैंक अकाउंट, राशन कार्ड, सबसिडी, आर्थिक लाभ इसी विषय में लोगों को सहयोग करना पडेगा।ऐसा करते करते उनके मन में राष्ट्र प्रेम की ज्वाला जगिनी पडेगी।
बूथ बूथ पर शक्तिशाली – तगड़ी योजना सफल बनानी पडेगी।

हर एक लोकप्रतिनिधि को जनता दरबार लगाकर उनकी अनेक समस्याओं को बारें में जानकारी लेनी पडेगी।उसी समस्या का उन्हे तुरंत समाधान और लाभ हो सके इसीलिए पर्याप्त मार्ग ढुंडना होगा।

सभी साधुसंतों को,सभी सामाजिक संगठनों को एक होकर वज्रमुष्टि बनाकर अनेक प्रभावी तथा शक्तिशाली जीत की निती बनानी होगी।गाँव गाँव में जाकर, मंदिरों में जाकर समाज चेतना तथा समाज जागृती करनी पडेगी।अनेक जगहों पर हर के अंदर का अग्नि प्रदिप्त करने के लिए, जगह जगह पर होम हवन का आयोजन करना पडेगा।भजन, कीर्तन द्वारा समाज में एकता लाने के लिए प्रयास करने पडेंगे।

मैं जो यह लिख रहा हुं इससे भी सौ प्रतिशत जादा कार्यों को और वह भी वायुगती से आगे ले जाना होगा।

*चारों तरफ से आग लगानी होगी।*

भाईयों, तभी काम बनेगा।
अन्यथा ???
अफगानिस्तान गया,पाकिस्तान गया,बांग्लादेश गया,मँनमार गया,श्रीलंका गया,इरान इराक गया।

और कौनसा इंतजार है आप सभी को ?

और कबतक हारोगे ?
और कबतक भागोगे ?
और कबतक पलायन करेंगे ?
और कबतक अत्याचार, अन्याय सहेंगे ?
तबाही हो रही है तबाही मेरे देश में पापियों द्वारा।
और कितने दिनों तक अंधे बनेंगे, निंद में रहेंगे ???
निंद से जागो भाईयों, निंद से जागो।
अधर्म हर जगह,देश के कोने कोने में भयंकर शातिर दिमाग से शक्ति बढा रहा है।भयानक कुटिल योजनाएं बना रहा है।इंच इंच जमीन पर कब्जा जमाने के लिए दिन रात एक कर रहा है।

अगर धर्म, सत्य, मानवता, ईश्वरी सिध्दांतों को जीताना है…
तो अंदर की आग,चैतन्य, ईश्वरी तेज जगाना ही होगा।दूसरों को भी जगाना होगा।

तभी क्रांति होगी।
तभी सत्य जितेगा।
तभी असत्य, हैवानियत हारेगी।
और तभी मानवता भी बचेगी।

समय भयंकर कठिन है साथीयों।
हर एक का मन मन जगाकर, रोम रोम जगाकर,
आगे बढना होगा।
कंधे से कंधा मिलाकर कदम कदम आगे बढना होगा।

तभी ईश्वरी सिध्दांतों की जीत होगी।
तभी हिंदुराष्ट्र बनेगा।
तभी भारत विश्वगुरु बनेगा।

आशा करता हुं,अनेक माध्यमों द्वारा मेरा यह लेख मोदिजी, अमीतजी,योगीजी और अनेक प्रखर राष्ट्र भक्त पढेंगे और मुझे राष्ट्र निर्माण के कार्योँ में मुझे भी कुछ कर दिखाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मौका देंगे।

। हरी ओम् ।
। जय जय श्रीराम।
। जय श्रीकृष्णा।
। वंदे मातरम् ।
। जय हिंद।
। जय गौमाता।
। जयतु अखंड हिंदुराष्ट्र ।
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*विनोदकुमार महाजन*

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