ईश्वरी कानून की रक्षा,ईश्वरी सिध्दांतों की रक्षा,कुदरत के कानून की रक्षा,पशुपक्षीयों की रक्षा,पेड जंगलों की रक्षा,कुदरत की रक्षा,गौमाताओं की रक्षा यह हम सभी इंन्सान को,मानवता प्रेमियों का दाईत्व है।क्योंकी ईश्वर ने हमें इन सभी बातों का पालकत्व सौंपा है।
और हम पालकत्व भूलकर,इनके हत्यारे बन रहे है तो ईश्वर हमें कैसे क्षमा करेगा ? सृष्टि संतुलन भी कैसे बने रहेगा ?
इंन्सानों की गलती का फल दुसरे पशुपक्षियों को क्यों भूगतना पड रहा है ?
बाघों का ,सिंहो का जंगल हवसी इंन्सानों ने उजाड दिया, और यह ईश्वर की संतानें भी सैरभैर बनकर, खाना पाणी ढूंडने के लिए, मनुष्य बस्तियों में आने लगी।
आखिर गलती किसकी ?
हैवानियत भरे स्वार्थी इंन्सानों की ? निष्पाप जीवों के हत्यारों की ?
तो ईश्वर क्षमा करेगा ?
बिल्कुल नही।अभी तो सुधर जा हवसी इंन्सान।नही तो …?वह आयेगा।ईश्वर आयेगा।क्रूर बनकर आयेगा।नारसिंह बनकर आयेगा।कल्की बनकर आयेगा।
और…
उन्मत्त, उन्मादी पापियों का कर्दनकाल बनकर, उन हैवानों का नाश कर देगा।
विनोदकुमार महाजन
अब निचे का वास्तव भी पढिये।
मै सभी गाँव और शहरों के लोगो से हाथ जोड़ कर विनंती करता हुँ की प्लास्टिक की थैली और प्लास्टिक की थैली मे बंद खाना इधर उधर मत फेकिये! सब जमा करके कचरे के डिब्बे मे डालिए! इस गौमाता की हालत देखो कितनी तकलीफ होती होगी पर क्या करे ये बेजुबान जानवर किसको बोले या इंसान को कैसे समझाए! सिर्फ रोटी या घास खिलाना ही धर्म नही है अपने द्वारा किया हुआ ऐसा कोई काम जिससे इनको तकलीफ ना हो! ये भी बड़ा पुण्य का काम है!🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सारे मेरे माता पिता भई बहन मेरी यह हाथ जोड़ के ओर सर जूखाके विनती प्लीज़ ध्यान रखे इस बात का🙇🏻♂️
संकलन : – विनोदकुमार महाजन