*हमारे अंदर ही है राम और* *शाम !!*
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राम के मार्ग से चलकर
कार्य सफल बनाने का
प्रयास करेंगे !
सिधी उंगली से घी निकालने
का प्रयास करेंगे !
और अगर सिधी उंगली से
घी नहीं निकलता है तो
कृष्णकन्हैया के मार्ग से
चलकर , टेढी उंगली करके
घी निकालेंगे !
मगर घी निकालकर ही रहेंगे !
कार्य सफल बनाकर ही रहेंगे !
हमारे अंदर ही है मेरा
सिदासादा राम !!
हमारे अंदर ही है मेरा कृष्णकारस्थानी शाम !!
जय सियाराम !!
जय राधेश्याम !!
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*विनोदकुमार महाजन*