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मच्छरों का ” डांन्स ? “

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मच्छरों का ” डांन्स ? ”
✍️ २१९०

विनोदकुमार महाजन
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आजकल क्या हो गया है की,
समझ में नहीं आता है !
मच्छरों की संख्या बहुत बढ गई है ! रक्तपिपासु मच्छर ! उन्मादी मच्छर !
और घुसपैठी मच्छर !
खुलेआम, ” घर में …” घुसनेवाले ! और दिनरात रक्त पिनेवाले ! मनुष्यों का भी ,कुत्तों का भी और गाय का भी !

और ? उनका, उन सभी का ?
” डान्स ! ”
” विनाशकारी डान्स ! ”

और घर का कानून ?
” आवो जावो घर तुम्हारा ! ”
घर में घुसो और खूब रक्त पिते रहो ! मनसोक्त !
शायद घरमालीक ( ? ) की यह गलती है या जानबूझकर मच्छरों को खुली छूट दे रखी है, यह कुछ समझ में भी नहीं आता है !

और मच्छरों का भी आखिर करें तो क्या करें ? यह भी समझ में नहीं आता है ! सर चकराता रहता है !
अगरबत्ती जलाओ,लिक्विड जलाओ,बँट घुमाओ !
कुछ फायदा नहीं है !
शायद मच्छरों ने धिरे धिरे अपनी प्रतिकार शक्ति बढाई होगी !

” जिस भी घर ” में
घुस जाते है या ना ये मच्छर ?
वहाँ के ” सभी का खातमा ”
करके ही रहते है !
” मलेरिया ” द्वारा !
” डेंगू ! ”
और…?
” खुद ( । ? ) ” का साम्राज्य
निर्माण करके ही रहते है !
” मच्छरों का साम्राज्य ! ”

आखिर ईश्वर भी ऐसे मच्छर ही क्यों पैदा करता है ? कुछ समझ में नहीं आता है !

एक मच्छर भी इतना भयंकर परेशान करता है की,पुछो मत !
सबसे पहले ?
कान के नजदीक आकर जोरजोर से चिल्लाता है !
अरे ? क्या जरूरत है इतने जोरजोर से चिल्लाने की ?
शायद व्यूहरचना बनाता होगा !
काटने की ! और खून चुसने की !

नाना पाटेकर का वह एक डायलॉग आपको याद है ना ?
शायद वहीं… क्रांतिवीर वाला ?
” साला एक मच्छर आदमी को हिजडा बना देता है ! ”
यही डायलॉग है ना वो ?
क्या डायलॉग भी मारा है नाना ने ? नाना तो नाना है ?

साला एक मच्छर हिजड़ा बना देता है… तो घर में जबरन घुसने वाले पूरे के पूरे मच्छर कितना शोरशराबा करते होंगे ?
कितना हंगामा करते होंगे ?
कितना परेशान करते होंगे ?

और सभी मच्छरों में एकता ?
जबरदस्त !
और खून चुसने की रणनीति ?
तगड़ी !
कहाँ हमला करना है ?
कब हमला करना है ?
किसपर हमला करना है ?
पक्की रणनीति !
चौबिसों घंटे की !

घर का मालिक ? ( असली मालिक कौन ? ) परेशान !
और मच्छर ?
गुनगुन गुनगुन करते रहते है !
और मौके की तलाश में रहकर, मौका मिलते ही ? भयंकर खून चुसते रहते है !

” मच्छर भगाव , घर बचाव ! ”
के लिए आखिर कुछ तो भी जालीम इलाज तो ढूंडना पडेगा साथीयों !
जी हाँ !
ढूंढना ही पडेगा !
अन्यथा ?
घर मालिक को ( ? )
ढूंढते रह जाओगे,
यही स्थिति बनेगी !

कभी कभी घर का मालिक भी,
मच्छरों के डर के कारण,
भागता रहता है ! भागता रहता है !
” बेचारा ! ” असहाय, मजबूर, दर दर की ठोकरे खानेवाला !
पहले से ही ऐसे मच्छरों के विरुद्ध, उन्हें भगाने की योजना बनाता,जालिम योजना, तगडी रणनीति…!
तो शायद भागने की नौबत ही नहीं आती !
करें तो क्या करें ?

एक मच्छर काटता है तो आदमी परेशान होता है !
और इतने सारे मच्छर ?
क्या हाल होगा ? सोचो तो जरा!

एक मच्छर काटने से,
मलेरिया हो सकता है !
और आदमी की मृत्यु भी हो सकती है !
बापरे ! इतना बड़ा घातक है ये मच्छर ?
तो ऐसे सभी रक्तपिपासु मच्छरों को एक ही झटके में, भगाने की तगड़ी रणनीति तो बनानी ही पडेगी !
नहीं तो ?
मच्छर घर के …सभी को ?
मार डालेंगे ?
मलेरिया द्वारा !

रणनीति सोचो रे बाबा सोचो !
जल्दी सोचो !

” मच्छर भगावो ”
के लिए कुछ तो भी करना ही पडेगा रे बाबा !
नहीं तो ?
सब अनर्थ हो जायेगा !

समझे कुछ ?
क्या अभी भी अनाडी ही है ?

( अंतिम चेतावनी : – सोचेंगे तो जागेंगे ! नहीं तो ? बर्बाद हो जाओगे ! )

हरी ओम्

🙏🙏🙏🙏🙏

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