सावधान !!!
सावधान हो जाईये, सचेत हो जाईये !
संपूर्ण विश्व के मानवता प्रेमीयों,
संगठित होकर शक्ति बढाईये !
” हाहाकारी हैवानों की,…
उन्मादी आसुरों की…”
कानूनी…
यशस्वी…” काट…” ढुंडीये !
” बिल्कुल ठंडे दिमाग से…”
वैश्विक समस्या का…
हल निकालिए !
अनेक जगहों पर,…
” गुप्त रूप से …”
” संपूर्ण देश और विश्व में…”
“आक्रमणकारियों के वंशजों के ”
….
” आक्रमणकारी शक्तिशाली अड्डे….”
बन रहे है !
जो….⁉❓
तुम्हें, तुम्हारी अगली पिढी को,और तुम्हारे
” उज्वल भविष्य को…”
सदा के लिए… खा जायेंगे !
“इतिहास साक्षी है ! ”
” तबाही का और कितना भयावह रूप देखना चाहते हो ??? ”
” शातिर दिमाग की…
भयंकर गहरी चाल है,
साजिश है ! ”
आज नहीं जागे तो…???
तबाही और बरबादी !
” तुम्हारे…
अनेक जगहों के…
भू – प्रदेशों की तरह…! ”
समय भयंकर कठिन चल रहा है !
” तुरंत और सख्त कानूनी काट ही इसका… हल है…”
अन्यथा ???
सोचो,समझो,जानो,जागो !
यूगप्रवर्तक,
विनोदकुमार महाजन