🕉अमृतसिद्धि योग…!!!🕉
✍️ ( २१३६ )
विनोदकुमार महाजन
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अनेक सालों की खडतर तपश्चर्या के बाद…
सद्गुरु कृपा से,
स्वर्ग से सभी देवीदेवताओं की कृपा होती है !
बिना माँगे सबकुछ मिलने लगता है ! चारों दिशाओं में यशप्राप्ती आरंभ हो जाती है !
धन – दौलत – ऐश्वर्य – यश – किर्ती – आरोग्य सबकुछ मिल जाता है !
धन की निरंतर वर्षा होती है !
अत्यंत पिडादायक हितशत्रुओं का,गुप्तशत्रुओं का, कुछ किये बगैर ही संहार होने लगता है !
चारों तरफ आबादी आबाद, संपन्नता, लोकप्रियता मिलने लगती है !
कुछ किए बगैर मुसिबतों का नाश होने लगता है, और सभी कार्यों में, विनाविलंब, विनाप्रयास गती मिलने लगती है !
हम धरती पर कहीं भी हो, हमपर निरंतर, सदैव अमृत की वर्षा आरंभ हो जाती है !
चेहरे पर दिव्य तेज दिखाई देने लगता है ! हमपर दिव्य प्रेम, सच्चा प्रेम करनेवालों का भी धीरे धीरे कल्याण होने लगता है ! हमारे आसपास रहने वालों को, निरंतर दिव्यत्व की,दिव्य अनुभूति की स्थिति महसूस होने लगती है !
आप धरती में रहकर भी, सदैव स्वर्ग की उच्च श्रेणी में रहने की अनुभूति प्राप्त करते हो ! आपके आसपास सदैव अदृश्य रूप से देवीदेवताओं का,दिव्य आत्माओं का वास रहता है !
जीवन में चमत्कार होने लगते है ! जो असंभव लगता था, वह सभी कार्य संभव में बदल जाते है ! संपूर्ण जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल जाती है !
मन को अपार शांती मिलती है !
उत्साह शतगूना बढ जाता है !
सभी प्रकार की पीडा, दुखदर्द, बिमारियां, परेशानियां,अशांति दूर भाग जाती है !
सदैव अमृतपान की दिव्य अनुभूति महसूस होने लगती है !
और आप एक दिव्य आत्मा बन जाते हो !
यही होता है, अमृत सिध्दी योग !
जिसके भी जीवन में यह योग आता है, उसके जीवन में बहार ही बहार आती है !
और मेरे सद्गुरु आण्णा की कृपा से, मुझे यह दिव्य अमृतसिद्धि योग मिल गया है !
परम शांती का महावैभव प्राप्त हो गया है !
नरदेव का कल्याण हो गया है !
मेरे आण्णा ने मेरा जीवन धन्य कर दिया, कृतकृत्य कर दिया !
हरी ओम्
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