आई दिपावली…!!!
दिपावली आई,दिपावली आई,
नवचैतन्य की बहार लाई,
दीपक की रौशनी लेकर आई,
सभी मित्रों के जीवन में रौशनी
करने के लिए आई,
दिपावली आई !
मंगल, मधूर शहनाई की आवाज
गूंज उठी,
तबले के साथ पर संगीत की दुनिया लेकर आई,
दिपावली आई,दिपावली आई !
चलो साथींयों चलो,
कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढते है…
दीपक की रौशनी से अधर्म का
अंधीयारा भी मिटाते है !
धर्म का दैदीप्यमान प्रकाश भी आसमान में अब हम सब मिलकर फैलाते है !
चलो साथीयों चलो,
हर्षोल्लास से,धूमधाम से,
दिपावली मनाते है !
जगमग जगमग रौशनी से,
हर एक का जीवन भी प्रकाशमान करते है !
दीपक की रौशनी में,
नया युग आरंभ करते है !
चलो साथीयों चलो !
शब्दरचना : – विनोदकुमार महाजन