मेरे हिंदू भाईयों।
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देश के मेरे प्यारे सभी हिंदू भाईयों, हमारी संस्कृति, इतिहास, अस्मिता,ईश्वरी सिध्दांत बचाने और बढाने के लिए, सच्चाई कि जीत के लिए, सारे मतभेद, जाती पाती का भेद भुलकर तन-मन-धन से एक हो जावो,संगठित हो जावो।समय कठिन है।हमारे ही देश में हम बहुसंख्यक होकर भी अत्याचार सह रहे है।हमारे देवी देवताओं का अपमान सह रहे है।
मगर…अब…यह…
नही चलेगा।और हम न ही चलने देंगे।
इसीलिए हमें अब हिंदुत्व के झंडे के निचे एक होना ही है।
अगले लोकसभा चुनाव के लिए अब हमें,हमारे हर हिंदुत्ववादी संगठन को सुसज्ज होना है।
सबसे पहले हमें अती शिघ्र सभी सज्ञान हिंदू मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने ही है।इसके बाद सभी को अस्तित्व के लिए, हर एक को प्रेमसे मतदान के लिए, बाध्य बनाना ही है।और मतदान भी हमें मतभेद भुलकर केवल और केवल हिंदुत्ववादी राष्ट्रीय पार्टी को ही करना है।
विशेषत:ग्रामीण इलाके और कम शिक्षीत या अध शिक्षीत इलाकों में जाकर, उन्हे मतदान का महत्व अभी से बताना है।और मतदान के लिए मतदान चिन्ह को भी बारबार रिपीट करना है।
इसके लिए सभी हिंदुत्ववादी संगठन तुरंत एक और सक्रिय होने की जरूरत है।इसके लिए सच्चे कार्यकर्ताओं की फौज भी संपूर्ण देश में हमारे पास है।अब हमें शांती से क्रांति करनी है।और हमें केवल और केवल जीतना ही है।
मुझे पता है,मेरा यह महत्वपूर्ण संदेश वायुगती से संपूर्ण देश में आठ दिन के अंदर ही,सोशल मिडिया द्वारा जन जनतक,मन मन में जानेवाला ही है।
जागृत हो जावो।संगठित हो जावो।मतभेद भुलकर एक हो जावो।संयम की शक्ति दिखावो।और संगठित शक्ती बढाओ।
एक नया इतीहास बनाओ।
आज से,अभी से कार्यारंभ करो।
मेरा यह संदेश किसी ने अपना नाम लिखकर भी आगे भेजा तो भी मुझे कोई आपत्ति नही है।मुझे ना मान चाहिए, ना सन्मान चाहिए।ना धन चाहिए, ना पद चाहिए।बस्स…हिंदू हित चाहिए।हिंदू धर्म कि जीत चाहिए।और सत्य कि जीत चाहिए।
और…जीत अब होकर रहेगी।
फिर देखते है हम,हमपर कौन अत्याचार करता है?कौन हमारे देवी देवताओं के मजाक उडाता है।
यह अति आवश्यक संदेश हर एक वाचक सौ सौ सदस्यों को आगे भेजकर ही रहेगा।
हमारी सच्चाई के लिए, सच्चाई कि जीत के लिए, हमारी अगली पिढी सुरक्षित रहने के लिए।और…।हमारे ईश्वर के लिए।
हरी ओम।
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— विनोदकुमार महाजन।