छोटे बच्चों जैसा
निष्पाप,निरागस मन,
ईश्वर जैसा पवित्र ह्रदय,
फुलों जैसा सुंदर मन,
होगा तो,
खुद ईश्वर भी उसपर
निरंतर और शुध्द प्रेम की
वर्षा ही करेगा और उसे
सदैव अपने ह्रदय में ही
स्थान देगा !
जिसे खुद ईश्वर ही अपने
ह्रदय में स्थान देगा तो…
इससे बढकर सौभाग्य
कौनसा होगा ?
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन