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सत्य की खोज : – संकलन, प.पू.लक्ष्मण जी बालयोगी

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*🌹🙏🏻राधे राधे प्रभु जी 🙏🏻🌹*

*अपना किया अपने पास वापस जरूर आता है,अच्छा किया हुआ अच्छे रूप में आएगा,बुरा किया बुरे रूप में आएगा,बुरा करोगे तो बुरा परिणाम सामने आएगा,अच्छा करो तो अच्छा परिणाम सामने आएगा,मन में किसी के प्रति बुरी भावना रखोगे तो दुष्परिणाम सामने आएगा,अच्छी भावना रखोगे तो सदपरिणाम सामने आएगा*
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*मनुष्य को जब *वैराग्य*होता है,तब सत्य की खोज के अलावा और कोई बात उसे सूझती नहीं। वह तो सब कुछ त्यागकर के तत्परता से सत्य की खोज में लग जाता है। वह किसी की कुछ परवाह नहीं करता। वह अपने शारिरिक सुखों को त्याग कर देता है। जब तक सत्य की प्राप्ति नहीं होती,तब तक वह किसी भी हालत में चैन से नहीं रहता।*
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*सत्य परेशान हो सकता पर पराजित कभी नही होता । समय तो लगता है राम से श्रीराम बनने में।*
*सत्य का पथ सुगम तो नहीं होता, हाँ श्रेष्ठ जरूर होता है। पग-पग में आपकी परीक्षाएं होंगी, कदम-कदम पर आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, अनेक मुश्किलों से आपको गुजरना पड़ेगा, अनेक अटकलों से आपको जूझना पड़ेगा। फिर तब जाकर इन सबके बाद एक समय वो भी आयेगा जब हर जुबान पर आपके ही किस्से होंगे। निश्चित समझना अगर आप सिद्धांतवादी हैं तो जीत से भी ज्यादा चर्चे तो आपकी हार के होंगे..!!*
*जीवन में एक बात हमेशा स्मरण रखना कि सिद्धांतों पर चलकर हारना, झूठ के दम पर जीतने से कई गुना बेहतर है। जीवन में हार-जीत से भी कोई ज्यादा महत्वपूर्ण चीज है तो वो है आपके सिद्धांत। सिद्धांत अर्थात सत्य का पथ, श्रेष्ठता का पथ और शास्त्रानुकूल पथ।*
*🙏🏻🌹संयोजक: दीन भारती*

*🙏🏻🌹*जय श्री कृष्णा*🙏🏻🌹*
निवेदन : – विनोदकुमार महाजन

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