सोच
सोच ? ✍️ २४७० ——————————- जो तुम्हारे मन का विचार करता है केवल उसी के मन का विचार…
सोच ? ✍️ २४७० ——————————- जो तुम्हारे मन का विचार करता है केवल उसी के मन का विचार…
मुसीबतों में जिन्होंने तुम्हारा साथ छोड दिया उसीसे दोस्ती का रिश्ता फिरसे मत बनाना ! और मुसीबतों में…
के बिना सारा जग सुना है जिसे माँ मिल गई उसे सबकुछ मिल गया तिनों लोक का राजा…
आपकी कोई निंदा करें या प्रशंसा… स्थितप्रज्ञ बनकर दिव्य मंजील की ओर हर पल,हर दिन,हर समय आगे आगे…
” *अच्छे लोगों का स्वभाव* *गिनती के शून्य की तरह होता है…….”* *”लोगों की नजर में भले ही*…