खुद की आत्मा बेचकर
दूसरों के सोने के
राजमहाल में कोई
कैसे रह सकता है ?
स्वाभीमानशून्य और
लाचार जीने से मृत्यु भी
बेहतर होती है
विनोदकुमार महाजन
हिंदुत्व मेरी शान हिंदुस्थान मेरी जान :- विनोद कुमार महाजन
खुद की आत्मा बेचकर
दूसरों के सोने के
राजमहाल में कोई
कैसे रह सकता है ?
स्वाभीमानशून्य और
लाचार जीने से मृत्यु भी
बेहतर होती है
विनोदकुमार महाजन