Wed. Sep 18th, 2024

लाखों की बात : – मित्रता किससे करें और सुखदुखों में कौन सहायक होगा ?

Spread the love

*🌹🙏🏻राधे राधे प्रभु जी🙏🏻🌹*

*अपने जीवन की गुप्त बातें, किसी विशेष विश्वासपात्र व्यक्ति को ही बताएं, सबको नहीं।*
*अपना सुख दुख बांटने के लिए व्यक्ति किसी न किसी को ढूँढता ही है, जो उसके मन की बात सुनकर उसके दुख को हल्का कर दे। जो उसकी समस्याओं का समाधान बता दे। परंतु प्रश्न यह है कि किसको अपने मन की बात बताई जाए! उत्तर है, किसी विश्वास पात्र को बताई जाए।*
*प्रायः सभी के जीवन में कुछ बातें ऐसी होती हैं, जो दूसरों को बताना हानिकारक हो सकता है। क्योंकि संसार में सभी लोग शुद्ध मन वाले नहीं हैं। बहुत से लोग दुष्ट एवं बहुत से लोग मूर्ख भी हैं।*
*ऐसे दुष्ट और मूर्ख लोग आपके जीवन की गुप्त बातों को दूसरों के सामने बताकर आप की बड़ी-बड़ी हानियां कर सकते हैं, अथवा आप को ब्लैकमेल कर के आप के जीवन में अशांति उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए सावधानी का प्रयोग करें। सबको अपनी बातें न बताएं।*
*जो जो व्यक्ति आप के संपर्क में आते हैं, लंबे समय तक उनका परीक्षण करें। परीक्षा के पश्चात् जब आपको उन में से किसी एक आध व्यक्ति पर पक्का विश्वास हो जाए, कि यह व्यक्ति बुद्धिमान, सरल, मेरा हितैषी और ईमानदार है। यह बहुत अच्छे ढंग से मेरे साथ मित्रता निभाएगा, मेरी गुप्त बातों का दुरुपयोग नहीं करेगा। तब अपने सुख दुख बांटने के लिए उस व्यक्ति से चर्चा की जा सकती है। उसे अपनी गुप्त बातें भी बताई जा सकती हैं, इस उद्देश्य से कि वह आपका सच्चा मित्र, आप की समस्याओं का समाधान बताएगा।*
*ऐसा व्यक्ति प्रायः मिलना कठिन होता है। फिर भी ढूंढने पर कोई न कोई एक आध व्यक्ति मिल भी जाता है, जिस पर आप भरोसा कर सकें।*
*सच्चे मित्र की इस खोजबीन में आप इस बात का भी ध्यान रखें, कि जिसको आप अपना सच्चा मित्र बनाने वाले हैं, कहीं वह कोई चंचल वृत्ति का प्रवक्ता अथवा कथा कहानी लेखक तो नहीं है!*
यदि ऐसा हो तो ऐसे व्यक्ति से भी अपनी गुप्त बातें खुलकर न करें। हो सकता है, कभी भावुक होकर वह आप की कहानी ही सब जनता को सुना दे, या लिख दे।
*यदि वह गंभीर प्रवक्ता या लेखक हो, तब तो हानि नहीं है। बल्कि इसके साथ साथ यदि वह विद्वान और अनुभवी भी हो, तो आपको अच्छे सुझाव देकर आप की समस्याओं को भी हल कर देगा। ऐसे बुद्धिमान व ईमानदार व्यक्ति के संपर्क में रहकर आप स्वयं को धन्य समझेंगे, और आनन्द से जीवन जीएँगे। इसलिये अपनी गुप्त बातें बताने से पहले पूरी सावधानी का प्रयोग करें।*

*मित्रता कोई स्वार्थ नहीं*
*बल्कि एक विश्वास है जहां सुख में*
*हंसी-मज़ाक से लेकर संकट में साथ देने की जिम्मेदारी होती है!!*
*यहां झूठे वादे नहीं बल्कि सच्ची कोशिशें की जाती है।*

*विचार एक जल की तरह है,*
*आप उसमे गंदगी मिला दो तो वह नाला बन जायेगा,*
*अगर सुगंध मिला दो तो वह गंगाजल बन जायेगा।*

*सबका जीवन मंगलमय हो*

संकलन : – लक्ष्मण बालयोगीजी

Related Post

Translate »
error: Content is protected !!